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रोज के घपलों घोटालों में क्या अनुमान लगाए हम
श्री चेतन्य मंडल के तत्वावधान में रजत जयंती महोत्सव के तहत श्री दत्त मंदिर पर. शारदोत्सव एवं सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
संस्था परिचय एवं स्वागत उद्बोद्धन …संस्था अध्यक्ष श्री प्रदीप जोशी ने दिया । इस अवसर पर संस्था के पूर्व सचिव श्री कैलाशचंद्र जोशी को वरिष्ठ अधिवक्ता श्री शिवनारायणजी जोशी के पिता स्व. श्री छोगालालजी जोशी की स्मृति में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले…. छठे जोशी सम्मान – 2018 से अलंकृत किया गया ।
इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का सारस्वत आयोजन भी किया गया…जिसमें शहर के चुनिंद कवियों ने अपने गीत , गज़ल , छंद – दोहे , मुक्तक सुनाकर काव्य रस की अमृत धारा प्रवाहित कर वाहवाही लूटी ।
सदाशिव कौतुक ने बिगड़ते परिवेश पर अपने अंर्तमन की पीड़ा को कुछ यूँ व्यक्त किया – देश के मूर्दा लोगों में क्या इंसान जगाए हम / रोज के घपलों घोटालों में क्या अनुमान लगाए हम / मुस्कुराहट गायब हो गई गूंगों से क्या बतियाना / क्या खुशिहाली लाने के लिए शमशान जगाए हम ।
प्रभु त्रिवेदी ने दोहा सुनाकर दाद बटोरी – पिता प्राण परिवार के घर के हैं उल्लास… खुशियां सबको बांटते चिंता रखते अपने पास । प्रदीप नवीन ने हास्य व्यग्य रचना सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाया । देव शर्मा की गज़ल का शेर भी खूब सराहा गया – एक तुम हो जिसे जीना नहीं आया… एक सैनिक है जिसे मरकर अच्छा लगा।
मुकेश इन्दौरी ने गज़ल – विदा होकर चली जाती है जब भी बेटियां घर से… तो फिर माँ बाप की आँखों के तारे छीन लेती है… पिता को नाज़ था जिस पर वही औलाद देखा है… करम भी तोड़ देती है सहारे छीन लेती है – सुनाकर दाद बटोरी।
सारस्वत काव्यगोष्ठी में योगेन्द्रनाथ शुक्ल, प्रदीप नवीन , प्रभु त्रिवेदी , चंचल रिझवानी , चकोर चतुर्वेदी , चन्द्रकांत दिक्षीत , रमेश धवन , डाँ पी.सी मुंशी, दिलीप महावर , सुरेन्द्र व्यास, श्याम बागौरा , भीमसिंह पंवार, जितेन्द्र सोलंकी , नयन राठी, अर्पण चौधरी सहित करीब 20 से अधिक कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी श्री मनोहर वैश्म्पायन ने की । मुख्य अतिथी कवियत्रि प्रो.श्रीमति किसलय पंचोली थी । कार्यक्रम का संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया । आभार वरिष्ठ महाधिवक्ता शिवनारायण जोशी ने माना ।